नावकोठी मुख्यालय में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के बैनर तले सत्संग का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में आशुतोष महाराज के शिष्यों की बड़ी संख्या देखी गई। साधु सुकर्मानंद ने अपने उद्बोधन में गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि लोग मानवीय गरिमा को धूमिल कर रहे हैं। लोगों के मुक्ति का एकमात्र माध्यम गुरु के शरण में जाना है।