चकरनगर: डिभोली गाँव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में जन्मे श्रीकृष्ण, 'तू-तू पालकी जय कन्हैया लाल की' के जयकारों से गूंजा पंडाल
गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे प्रमुख कथा वाचक आचार्य देवेंद्र दुबे जी महाराज ने बताया कि 84 लाख योनियां भुगतने के पश्चात मानव देह की प्राप्ति होती है। इसलिए इस देह का उपयोग व्यर्थ कामों में ना करके जनकल्याण व ईश्वर भक्ति में समर्पित कर दें। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने केलिए हुए। जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड़ दी तो प्रभु श्री कृष्ण ने जन्म लिया।