*जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी*
का अर्थ है कि जैसी किसी व्यक्ति की भावना होती है, उसी तरह वह भगवान को देखता है। दूसरे शब्दों साक्षात नारायण प्राची देवी
गोटेगाँव
श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ में ग्राम केजई मैं भागवत मर्मज्ञ विद
raghunathrai

Narsimhapur, Narsinghpur | Apr 25, 2025