उदितष्ठोतिष्ठ गोविन्द त्यज निद्रां जगत्पते,
त्वयि सुप्ते जगन्नाथ जगत्सुप्तं भवेदिदम्।
उत्थिते चेष्टते सर्वमुत्तिष्ठोत्तिष्ठ माधव॥
बेहद उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाये जाने वाले <nis:link nis:type=tag nis:id=तुलसी_विवाह nis:value=तुलसी_विवाह nis:enabled=true nis:link/> के पर्व <nis:link nis:type=tag nis:id=देवउठनी_एकादशी nis:value=देवउठनी_एकादशी nis:enabled=true nis:link/> की हार्दिक शुभ
1.5k views | Banswara, Banswara | Nov 14, 2021