फर्रुखाबाद जनपद के स्वास्थ्य विभाग से एक ऐसी ख़बर सामने आई जिसने न सिर्फ़ व्यवस्था की असली तस्वीर दिखा दी, बल्कि पूरे प्रदेश को सोचने पर मजबूर कर दिया। अर्पित सिंह, जिनका नाम पिछले 9 सालों से एक-रे टेक्नीशियन के पद पर दर्ज था, हर महीने लाखों रुपए का वेतन और सरकारी सुविधाएँ उठाते रहे। लेकिन मानव संपदा पोर्टल पर जब उनका पंजीकरण हुआ, तो राज़ खुला अर्पित सिंह...