शनिवार करीब 3 बजे मल्लीताल स्थित गोवर्धन कीर्तन सभागार में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए प्रशिक्षक ज्योति साह ने बताया कि रंगवाली पिछौड़ा कुमाऊ का अहम परिधान है। पूजा अनुष्ठानाें के साथ ही शुभ मौके पर महिलाए इसे धारण करती है। एक तरह की ओढ़नी में धार्मिक प्रतीक चिह्नन भी बने होते है जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है।