क्राइम ब्रांच डीसीपी राजेश त्रिपाठी ने गुरुवार 2 बजे बताया कि आरोपी ने डॉक्टर और उनके परिचितों से कुल पाँच–छह लोगों की नियुक्ति कराने के नाम पर लगभग 1 करोड़ 72 लाख रुपए की राशि ली। पैसे नकद, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और अलग–अलग खातों में जमा करवाए गए। दबाव बढ़ने पर आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र भी उपलब्ध कराए, जो बाद में विभागीय जांच में नकली पाए गए।