क्षेत्र में लगातार हो रही मुसलाधार बारिश से करीब पच्चीस वर्ष बाद रक्तांचल पर्वत के नीचे बने हुए कुंड में जमिनी जल स्तर बढ़ने से जालांधर नाथ कुंड,ताती मोहरी,मोरीया बालाजी कुंड, राधा दामोदर कुमोदनी कुंड,मायला कुंड व क्षेत्र के आस पास के सभी जल स्रोत में पानी आने से आम जन के चेहरे खिल उठे। वहीं क्षेत्र के कई टुयब वेलो में स्वत ही पानी बाहर निकल रहा है।