नवदुर्गा के त्योहार पर देवी के स्वरूप माने जाने वाले जवारों को ग्रामीण भक्तों ने बड़ी श्रद्धा भाव के साथ नवदुर्गा के पहले दिन ही घरों में स्थापित किया। व उनकी सेवा अर्चना की। तत्पश्चात नवमी के दिन ग्रामीणों ने उन्हें सिर पर रखकर मंगल गीत गाते हुए श्रद्धा भाव के साथ जल स्रोतों में विसर्जित किया।