साक्षर भारत मिशन के तहत काम करने वाले शिक्षा प्रेरकों ने 40 महीने से लंबित अपने मानदेय के भुगतान के लिए सोमवार दोपहर 1 बजे जिला अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है। प्रेरकों का आरोप है कि 31 मार्च 2018 को बिना किसी पूर्व सूचना के योजना बंद कर दी गई थी, जिससे उनका मानदेय अटक गया।