राष्ट्रीय हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर शुक्रवार दोपहर 3 बजे वरिष्ठ पत्रकार डी.पी. गुप्ता ने कहा कि “स्वतंत्रता संग्राम के समय क्रांतिकारियों के लिए समाचार पत्र सबसे बड़ा हथियार थे। उस दौर में जब अंग्रेजी, फारसी, उर्दू और बांग्ला भाषाओं में ही समाचार पत्र निकलते थे, हिन्दी में ‘उदन्त मार्तण्ड’ का प्रकाशन ऐतिहासिक कदम था।