बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र खेकड़ा पर किसानों को श्रीअन्न की खेती के बारे में तकनीकी जानकारी देकर विस्तार पूर्वक समझाया गया। इसके अलावा प्राकृतिक खेती के विषय में भी विस्तार पूर्वक बताया। किसानों को बताया कि किस तरह भूमि में मित्र जीवाणुओं की कमी हो रही है और जीवामृत से उनकी पूर्ति की जा सकती है। जीवामृत एक प्राकृतिक और जैविक तरीका है, जिससे पौधों की वृद्ध