जहां एक ओर सरकार किसानों की मदद के लिए तमाम योजनाएं चला रही है वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है बात हो रही है शासकीय मर्यादिक बैंक की, जहां किसान खाद के लिए रोज़ चक्कर काट रहे हैं, लेकिन बैंक के कर्मचारी समय पर नहीं आते किसान दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि समय पर बुआई हो सके लेकिन जब खाद की जरूरत होती है पर समय पर नहीं मिल रही