शहडोल जिले के अंतिम छोर पर स्थित जनपद पंचायत ब्यौहारी का नाम इन दिनों विकास कार्यों से नहीं बल्कि शराबखोरी से जोड़ा जा रहा है। जिस जनपद पंचायत से गांवों की योजनाएं, विकास कार्य और आमजन के लिए फैसले लिए जाने चाहिए, वही अब शराबियों का अड्डा बन चुका है। हैरानी की बात तो यह है कि यहां शराब पीने वालों में कोई और नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों के करीबी रिश्तेदार शामिल