ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि जसपुर-सिल्याण-निराकोट सड़क के करीब 800 मीटर हिस्से में हुए भूंधसाव के साथ आए बड़े-बडे पेड़ों ने मांडो गदेरे क प्रवाह बदल दिया है। जिस कारण गांव के लिए बड़ खतरा बन गया है। कहा कि तेज बारिश में गदेरा उफान पर आने से इसका पानी घरों में घुस रहा है। जिससे उनका सारा सामान बर्बाद हो गया।