कुस्म्ही तैय्यबपुर गांव निवासी बाबूलाल ने बताया कि रात करीब 12 बजे तक परिवार के लोग जग रहे थे,उसके बाद सभी सो गए। सुबह उठने पर जब पशुओं के लिए भूसा निकालने बगल के कमरे मे गये तो देखा कि भूसे का जंगला टूटा हुआ है।फिर आनन फानन मे अंदर जाकर देखा तो सरसों की बोरियों में छिपाकर रखा गया लाखों का जेवरात गायब था।