1958 में पाकिस्तान से आई एक महिला इमराना खानम ने सीमांचल की मिट्टी में कदम रखा, कहा जाता है कि उसने यहां के कजरेली सिमरिया निवासी मोहम्मद इबनूल हसन से प्रेम विवाह किया और यही कि होकर रह गई लेकिन यह कहानी नहीं बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा थी उसने जिससे शादी की वह कैथा टीकर के सरकारी विद्यालय का शिक्षक था उसी के सहारे इमराना ने न सिर्फ अपना ठिकाना बनाया बल्कि