*अनन्त कर्मो की निर्जरा कर अनंत पुण्य का आश्रव ही अनंत चतुर्दशी है : मुनिश्री विशल्यसागर* आरा। श्री दिगंबर जैन चंद्रप्रभु मंदिर में विराजमान मुनि श्री 108 विशल्यसागर जी महाराज ने पर्युषण महापर्व के अंतिम दिवस शनिवार को अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए बोले कि अनन्त कर्मो की निर्जरा कर अनंत पुण्य का आश्रव ही अनंत चतुर्दशी है। अनंत शब