भाद्रपद पूर्णिमा के दूसरे दिन लोगों ने सोमवार को करीब 8 बजे सेठानी घाट पहुंच कर यहां नर्मदा नदी में अपने पितरों के लिए तर्पण किया। दरसल भाद्रपद की पूर्णिमा से 16 दिनों तक पितृपक्ष चलेंगे। इन 16 दिनों में लोग अपने पितरों का तर्पण पिंडदान करेंगे। तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे संतुष्ट होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं।