24 अगस्त रविवार दोपहर 3 बजे जिलाधिकारी के निर्देशन पर ग्राम प्रधान जीवन के वित्तीय अधिकारों को पूर्व मे निरस्त कर दिया गया। ग्राम प्रधान के द्वारा हाई कोर्ट की शरण मे पहुंचकर अपनी फरियाद की।जिस पर हाईकोर्ट मे ग्राम प्रधान को बहाल कर दिया। जिलाधिकारी को आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। पुनः जांच प्रक्रिया मे सिर्फ अधिकारियों की खानापूर्ति नजर आ रही है।