यह सिर्फ मेरी नहीं, रामगढ़ की जनता की जीत है। यह आंदोलन जनता की पीड़ा, धैर्य और विश्वास का परिणाम है।2016 में जब रामगढ़ शहर के करीब एक लाख नागरिकों को चिकित्सा सुविधा से वंचित किया गया, तब हमने “अस्पताल दो या मौत दो” का नारा देकर आवाज उठा