प्रदेश में एक ओर जहां जिले को कृषि प्रधान जिला कहा जाता है, वहीं दूसरी तरफ धान की खेती सबसे अधिक रासायनिक खाद यूरिया का इस्तेमाल और इसके दुष्परिणाम से फ़सल में अत्यधिक मात्रा में तनाछेदक बीमारी का प्रकोप भी देखी जाती है। वैसे देखा जाए तो जिले में किसान अपने खेतों में अत्यधिक फ़सल उत्पादन लेने के चक्कर में प्रतिवर्ष रासायनिक खाद यूरिया और डीएपी का अधिक मात्रा।