जिस मोदी सरकार के कार्यकाल में डील हुई, कमिशन लिया, बिचौलिये के यहाँ से गुप्त दस्तावेज मिले-उसकी जाँच क्यों नहीं? जाँच से मोदी सरकार विचलित क्यों हो जाती है?