मुस्लिम समाज में मुहर्रम से ग़म का महीना शुरू हो जाता है जो सवा दो महीने तक अय्यामे अज़ा माना जाता है।8 रबीअवव को अय्यामे अज़ा का समापन माना जाता है।क्योंकि इमाम हुसैन का काफिला मदीना पहुंचा था।सोमवार को करारी में जिले का अंतिम अमारी जुलूस निकाला गया है।जिले के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे।इमाम हुसैन और उनके साथियों की याद मनाई गई है।