रविवार की रात 8 बजे रसड़ा का रामलीला मैदान अद्भुत धार्मिक रंग में रंग गया। मानो त्रेता युग का वही दृश्य आंखों के सामने जीवंत हो उठा। जैसे ही प्रभु श्रीराम के परमभक्त पवनपुत्र हनुमान ने रावण की सोने की लंका में आग लगाई, पूरा मैदान "जय श्रीराम" के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा। देखते ही देखते लंका धधक उठी और जलते लंका को देख भक्त, पूरी तरह से भक्ति-भाव में डूब