दावथ प्रखंड के परमानपुर चातुर्मास्य व्रत स्थल पर बुधवार को संध्या 06 बजे संत श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने ध्रुव जी के साधना पर प्रकाश डाले। ध्रुव जी जन्म के बाद तीन वर्ष की उम्र में ही बड़े ओजस्वी हुए। ध्रुव जी के पिता का नाम उत्तानपाद था। उत्तानपाद जिनके पिता का नाम मनु जी था। ब्रह्मा जी ने अपने शरीर को दो भागों में विभक्त किए थे। जिनके