श्राद्धपक्ष पूर्णिमा पर तेजाजी महाराज की शोभायात्रा निकाली गई। नाग के साथ घोड़ला घोडी पर झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। नाग को गुर्जर समाज के मन्दिर से लाया गया। वहीं नागदेवता व गोडला ने एक ही कटोरी में दूध पीया। शोभायात्रा लोक देवता वीर तेजाजी ताखाजी महाराज के स्थान कृषि मंडी प्रांगण से पूजा-अर्चना करने के बाद जयकारों के साथ शूरू हुई।