भैंसरू खुर्द गांव के सरपंच सुमित ने बताया कि गांव यदि प्रशासन की मदद के इंतजार में रहता तो गांव के घरों में पानी भर जाता है और जान और माल दोनों का नुकसान हो सकता था। क्योंकि गांव की सीमा के साथ गुजरने वाली ड्रेन में बरसाती पानी बिल्कुल पटरी के किनारो तक पहुंच गया था। उन्होंने गांव के साथ मिलकर लगभग हर रोज ढाई लाख रुपए खर्च कर पटरी को स्वयं मजबूत किया है l