चीन से मुकाबला सिर्फ नारेबाजी से नहीं होगा। हमारे देश में आने वाले हर चाइनीज उत्पाद का निर्माण अपने देश में करने के लिए उद्यमियों को देनी होगी हर सुविधा। हमें केवल PR के लिए नहीं, सच में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देना होगा।