धार्मिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने अपने पिता के घर का त्याग कर जंगल में जाकर कठोर तपस्या की थी ताकि वे भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त कर सकें। उनके इस तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया तब से सुहागिन अपने पति की लंबी उक्त उनके उज्जवल भविष्य की कामना को लेकर यह त्यौहार करती है