नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ की भारी कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई हैं। आलम यह है कि अस्पताल अब महज एक रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। जहां मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद बाहर भेजना ही एकमात्र विकल्प है। इस बदहाली से नाराज होकर पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार को एक महीने के भीतर रिक्त पद भरने का अल्टीमेटम दिया है।