टाटीझरिया। अगर हौसले बुलंद हों तो दिव्यांगता आपकी राह में रोड़ा नहीं बन सकती। कई लोगों ने साबित करके दिखाया है कि दिव्यांगता महज एक मानसिकता है,जिससे आगे पाने के लिए पूरा जहां है। ऐसे ही एक शख्स टाटीझरिया के हटवे निवासी लक्ष्मण टुडू और बडकी देवी का पुत्र 27 वर्षीय सजूल टुडू हैं, जिन्होंने दिव्यांगता को किनारे कर के साइकिल यात्रा कर सीख देने का काम कर रहे हैं।