वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के रघीया जंगल के किनारे स्थित आधा गांवों में बाघ के हमले का भय दूसरे दिन भी कायम रहा. इस वजह से एकतरफ जहां लोग खेत में जाने से बचे. वही दूसरी तरफ रेंजर संजीव कुमार के नेतृत्व में वनकर्मी बाघ के ताजा गतिविधियों को जानने में जुटे रहे. रोज वन्यजीवों के बीच जीने की आदत डाल चुके लोगो की आंखें डरी रही. रविवार दोपहर 12 बजे करीब जानकारी दी