जैन धर्म का सर्वोच्च पर्व दसलक्षण महापर्व का नवम दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस दिन जैन धर्मावलंबियों ने "उत्तम आकिंचन धर्म" का पालन करते हुए आध्यात्मिक साधना की। प्रवचन में पंडित अभिषेक शास्त्री एवं डॉ. निर्मला दीदी ने कहा कि दुनिया का कोई भी पदार्थ मेरा नहीं है, ऐसा मानना और जानना ही आकिंचन धर्म है।