इस रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई सिर्फ प्रेम और सुरक्षा की डोर से नहीं, बल्कि मिथिला की परंपरा, लोककला और पर्यावरणीय चेतना से भी बंधेगी। दरभंगा की जीविका दीदी नाबिता झा द्वारा तैयार की गई इको-फ्रेंडली राखियां न केवल स्थानीय बाजारों में लोकप्रिय हो रही हैं, बल्कि देश-विदेश में भी अपनी खास पहचान बना रही हैं।खादी पेपर, लकड़ी और प्राकृतिक रंगों से तैयार है।