भोजली को रक्षाबंधन के दिन फसल की प्राण प्रतिष्ठा के रूप में छोटी टोकरी में पवित्र स्थान पर उगाया जाता हैं, जहां ग्रामीण प्रतिदिन पूजा अर्चना करते हैं, भोजली महोत्सव के दौरान गाये जाने वाले लोक गीतों को भोजली गीत एवं इस पर्व को भोजली पर्व के नाम से भी जाना जाता है। सामूहिक स्वर में गाये जाने वाले यह भोजली गीत छत्तीसगढ की शान है।