दिगंबर जैन मंदिर मे 10 लक्षण के तीसरे दिन भगवान महावीर की प्रतिमा को पांडुक शिलापर विराजमान कर जलाभिषेक किया एवं शांति धारा की विधानाचार्य पंडित मनोज जैन ने बताया उत्तम अजब धाम के बारे में की कपट नहीं करना माया कपट छोड़ना सीधा और सरल होना हमारे मन वचन के मे सिधापन होगा यही आर्जव धर्म सिखाता है हम दुनिया को तो सीधा करने मे लगे रहते है पर अपने को सीधा नही करते