सनातन धर्म में अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए पितृ पक्ष का समय भले ही पूर्णिमा से सुरु हुआ हो लेकिन सोमवार 12 बजे भी चन्द्रग्रहण के बाद भी पिंडदान के लिए लोगो की भीड़ देखी गई पितृ पक्ष में पिंडदान का विशेष महत्व है ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में पूर्वजों को किया गए विधिपूर्वक्ता तर्पण, पिंडदान,पूजा पाठ और नमन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है