जिले की सहकारी सोसायटियों में अभी भी डीएपी खाद की किल्लत बनी हुई है, वहीं यूरिया की भारी कमी से किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। पर्याप्त आपूर्ति न होने से किसान रोजाना जद्दोजहद कर रहे हैं। यूरिया की कमी का लाभ उठाकर निजी विक्रेता कालाबाज़ारी कर रहे हैं। किसान मजबूरी में डीएपी खाद 2200 रुपये प्रति बोरी और यूरिया 1200 रुपये प्रति बोरी तक खरीदने को वि