16 श्राद्ध की शुरुआत हो चुकी है और पितृ धरती पर होते हैं 16 दिन तक और उनकी पूजा अर्चना की जाती है,पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है नदी तट पर खड़े होकर पश्चिम दिशा में मुख करके मंत्रोच्चारण के साथ पितरों को जल और चावल के पिंड अर्पित किए जाते हैं तथा पंचबलि कर्म के तहत गए कौआ कुत्ते आदि को भोजन कराया जाता है,