जानकारी के अनुसार 16 मई से शुरू हुई यह जंग “सुशासन तिहार” के खिलाफ थी, जिसमें ग्रामीणों ने पक्की सड़क, पुलिया, पेयजल, बिजली, आवास, वन अधिकार पट्टा, कूप निर्माण, सोलर पंप और ड्यूल पंप जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग की थी। हड़ताल के दौरान ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया, प्रशासन ने रास्ते रोके और आंदोलन तोड़ने की कोशिश की