राणा पूंजा को राजपूत बताने को मेवाड़ के भीलों के इतिहास से छेड़छाड बताते हुए भील सेना ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज दोषी लोगो के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया कि मेवाड़ का इतिहास भीलों के बिना और भीलों का इतिहास पूंजा भील के बिना अधूरा है।