धर्म की गंगा में डूब कर आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त करने के लिए आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान गंगा महोत्सव का समापन आरती और महाप्रसादी वितरण के साथ संपन्न हुआ। कथावाचक भागवताचार्य पंडित भीमाशंकर शास्त्री ने बड़े मार्मिक और तार्किक ढंग से किया। इस कथा से समाज में धार्मिक चेतना का विकास हुआ और सभी को जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा मिली।