ग्राम के गुलाब मंडलोई, सुनील मंडलोई ने बताया कि सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने और साक्षरता दर बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। एक स्कूल पर हर साल 18 से 20 लाख रुपये भवन मरम्मत, शिक्षकों के वेतन और मध्यान्ह भोजन पर खर्च किए जाते हैं।लेकिन इसके बावजूद कई स्कूलों में बच्चों की संख्या 10 से 15 तक ही सिमट कर रह गई है।