हमीरपुर वैज्ञानिक युग में भी घाघ की कविताओं के आधार पर कृषक फसलों को बोन की तैयारी करता है रबी की फसल की तैयारी घाघ की इस कविता को बोली लोखरी फूला कांस अब वर्षा की छोड़ो आस रबी रबी की फसलों का हुआ मौसम मान किसान तैयारी करने में जुट जाता है यह जानकारी सोमवार को ५ बजे मिली