मेंडागढ़ पंचायत में फर्जी मास्टर के जरिए राशि निकाल ली गई, जबकि गांव में खरंजा, नाली और तालाब निर्माण केवल कागजों पर ही दर्शाए गए हैं। ग्रामीण आज भी मजबूत सुविधा से वंचित हैं। गांव में कई जगह कारंजा नहीं है और खेती के लिए तालाब से पानी की व्यवस्था भी नहीं हो पाती। विजय मोरे और नवल सिंह का कहना है कि सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक के द्वारा भ्रष्टाचार किया है ।