राधाष्टमी के पावन अवसर पर संचुई गांव के चेलों द्वारा सदियों पुरानी डल तोड़ने की परंपरा का इस वर्ष निर्वहन नहीं हो पाया है। पुलिस की सुरक्षा के बीच डल तोड़ने के लिए मणिमहेश रवाना हुए चेले हड़सर से आगे रास्ते क्षतिग्रस्त होने के चलते वापस लौट आए हैं। उल्लेखनीय है कि मणिमहेश यात्रा का इस रस्म का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बेहद गहरा है।