कार्यक्रम के संचालन करता संचालन संजय पींचा ने रविवार शाम साढ़े 4 बजे समणी सुयश निधि ने प्रवचन में कहा कि जैसा आहार होता है, वैसा ही विचार बनता है। उन्होंने भोजन की तीन अवस्थाएँ बताईं—खाकर खोना, जिसमें अधिक भोजन रोग का कारण बनता है। खाकर बोना, जिसमें भोजन संस्कार बोता है। और खाकर संजोना, जिसमें शुद्ध व मर्यादित आहार से आत्मिक शांति मिलती है। आधुनिक समय में अन