बाबरा मोहल्ला की रहने वाली निर्मला ने बताया कि उसका घर सिर्फ चार दिवारी है और दीवारों में भी दरार आ चुकी है छत के नाम पर तिरपाल डालकर वह दिन काट रहे हैं। उन्होंने कहा की पक्की छत की आस में पूरी जिंदगी छप्पर के नीचे गुजर गई। बरसात में कभी भी उनका छप्पर गिर सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उनकी छत पक्की करवाई जाए।