सिंचाई विभाग की टीम एक्सईएन शंकरलाल के नेतृत्व पहुंची और लीकेज रोकने के लिए प्रयास शुरू किए। पहले से भरे कट्टे पाल पर थे, जो दूर थे। जहां सीपेज का पानी आ रहा था वहां पर ही मिट्टी से वापस नए कट्टे भरवाए। 300 कट्टे डालकर सीपेज के पानी को रोका। हेमावास बांध से 14-15 गांवों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। शहर के पेयजल के लिए भी इसी बांध से पानी लेते हैं।